जकार्ता – उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में कारोबार करने वाले मयोरा ग्रुप की स्थापना 1977 में हुई थी, जिसने अब विदेशों के बाजार में प्रवेश करने में कामयाबी हासिल की है। आँकड़ों के अनुसार, मायोरा के उत्पाद 100 से ज्यादा देशों में फैल चुके हैं, जिसमें आसियान देशों के बाजार, चीन, भारत, मध्य-पूर्व, और अमेरिका के साथ-साथ इराक तथा फिलिस्तीन भी शामिल हैं।
इतना ही नहीं, मायोरा के उत्पादों ने रूसी बाजार में भी अपनी जगह बना ली है। मायोरा ने पिछले साल रेड बीयर देशों को होने वाले निर्यात को बढ़ाने में कामयाबी हासिल की, जिनकी संख्या 1.000 कंटेनरों तक पहुंच गई। यह पिछले साल की तुलना में कारोबार में 30% से ज्यादा की बढ़ोतरी को दर्शाता है। बुधवार (06/02/19) को मायोरा के मुख्यालय में "बंगा सेबागई इंडोनेशिया, मायोरा द्वारा रूस के बाजारों को निर्यात में कामयाबी" के अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलाकात के दौरान मायोरा ग्रुप के प्रेसिडेंट डायरेक्टर, आंद्रे आत्मादजा ने कहा, "हमें उम्मीद है कि निर्यात बाजारों के जरिए रूस में कदम रखने में मिली इस कामयाबी से इंडोनेशिया के आत्मविश्वास और गौरव को बढ़ावा मिल सकता है, साथ ही हौसला भी बढ़ सकता है। इससे साबित होता है कि इंडोनेशियाई ब्रांडों के उत्पाद किसी भी मामले में कम नहीं हैं, साथ ही वे दुनिया के बाजारों में दूसरे उत्पादों से मुकाबला भी कर सकते हैं और उनसे आगे निकल सकते हैं।"
आंद्रे आत्मादजा के अनुसार, जैसे किसी नए देश या बाजार में कदम रखना कठिन होता है, ठीक उसी तरह रूस के बाजार में प्रवेश करना कोई आसान बात नहीं है। हालांकि अपनी मंज़िल, इस मामले में रूस को अच्छी तरह समझकर, तथा सबसे बेहतर उत्पाद उपलब्ध कराने के साथ-साथ ग्राहकों को अच्छी तरह जानने के लिए की गई कोशिश की वजह से ही मायोरा ने रूस के बाजार में कदम रखने में कामयाबी हासिल की है।
आंद्रे आत्मादजा ने कहा, "रूस मायोरा के लिए एक संभावित बाजार है, क्योंकि इस देश की आबादी काफी अधिक है और यहाँ आर्थिक विकास का स्तर भी बेहतर है। इसके अलावा, यहाँ कॉफी की खपत भी दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा है। रूसी बाजार के लिए इस साल का हमारा लक्ष्य बढ़कर दोहरे अंक तक पहुँच सकता है।"
बेशक, सरकार के सहयोग के बिना यह कामयाबी संभव नहीं है, जिसमें इंडोनेशिया और रूस दोनों सरकारें शामिल हैं। इसमें आंतरिक एवं विदेश मंत्रालय का योगदान बेहद खास रहा है। व्यापार मिशन, व्यापार वार्ता, इंडोनेशियाई व्यापार संवर्धन केंद्र (ITPC) के सहयोग के साथ-साथ आर्थिक स्तर पर साझेदारी के लिए बातचीत से मायोरा को निर्यात बाजार को बढ़ाने में काफी मदद मिली है। इंडोनेशिया और रूस के बीच अच्छे व्यापारिक संबंधों को देखते हुए, हमारे उत्पादों का रूस में बड़े पैमाने पर कारोबार किया जा सकता है ताकि रूस के ग्राहक भी इनका भरपूर आनंद ले सकें। आंद्रे आत्मादजा ने कहा, “इस अवसर पर, मायोरा इंडोनेशिया के साथ-साथ निर्यात बाजारों में अपने कारोबार को बढ़ाने का प्रयास जारी रखेगी, ताकि मायोरा को एक वैश्विक कंपनी और दुनिया भर के बाजारों में दूसरे उत्पादों से मुकाबला करने योग्य बनाया जा सके। हमें उम्मीद है कि इस कामयाबी से इंडोनेशिया का गौरव बढ़ेगा और इंडोनेशिया के लोगों को प्रेरणा भी मिलेगी।"
"बंगा सेबागई इंडोनेशिया, मायोरा द्वारा रूस के बाजारों को निर्यात में कामयाबी" के अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस में मौजूद मायोरा के भागीदार भी शामिल हुए, और हमारे इन वितरक भागीदारों (डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स) ने भरपूर तारीफ़ भी की। हमने अपने भागीदारों को इंडोनेशिया बुलाया है ताकि रूस में बेचे जाने वाले हमारे उत्पादों के अलावा, दुनिया भर के बाजारों में बिक्री के लिए उपलब्ध मायोरा के उत्पादों को उनके सामने पेश किया जा सके। इसके अलावा हम उन्हें यह भी दिखाना चाहते हैं कि इंडोनेशिया पर्यटन तथा संस्कृति के लिहाज से भी बेहद ख़ूबसूरत है।
टोराबिका कैपुचिनो रूस के बाजार में सबसे आगे है
मायोरा के उत्पाद, टोराबिका कैपुचिनो ने न केवल रूस के बाजार में कदम रखने में कामयाबी हासिल की है, बल्कि इंस्टेंट कैपुचिनो कॉफी कैटेगरी में टोराबिका कैपुचिनो रूस के बाजार में सबसे आगे है। यह रूस के लोगों, खासतौर पर युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय कैपुचिनो इंस्टेंट कॉफी ब्रांडों में से एक है।
आंद्रे ने आगे बताया कि रूस एक ऐसा देश है, जहाँ कॉफी की खपत दूसरे देशों की तुलना में काफी अधिक है। वयस्क लोगों अलावा, यहाँ के किशोर भी पहले से ही इंस्टेंट कॉफी और कैफ-क्लास कॉफी, दोनों के बारे में जानते हैं।
आंद्रे के अनुसार, ग्राहकों की पसंद और स्थानीय नियमों के साथ-साथ वहाँ के डिस्ट्रीब्यूशन की व्यवस्था एवं इंडोनेशिया से काफी अलग संस्कृति को समझने के बाद ही रूसी बाजार में कामयाबी मिली है। उत्पादकों को दुनिया के बाजार में कामयाबी पाने के लिए इन चीजों की समझ होनी चाहिए।
हर देश के अलग-अलग ग्राहकों की जरूरतों को अच्छी तरह समझना हमारे लिए बेहद अहम चुनौती है, और इस तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए हम औपचारिक एवं अनौपचारिक, दोनों तरह से रिसर्च करना जारी रखते हैं।